विदेश में एक माह के प्रवास के दौरान मैंने देखा और सुना कि भारतीय संस्कृति का कैनवास  विशाल है और उस पर हर प्रकार के रंग और जीवंतता है. यह देश कई सदियों से सहिष्णुता, सहयोग और अहिंसा का जीवंत उदाहरण रहा है और आज भी है. इसके विभिन्न रंग इसकी विभिन्न विचार धाराओं में मिलते हैं. भारतीय संस्‍कृति और सभ्‍यता को पूरी दुनिया में पसंद किया जाता है. विदेशों में तो भारत की हर चीज़ बहुत पसंद की जाती है. चाहे वह भारत का पहनावा हो या फिर खाना, विदेशियों के लिए भारत की हर चीज़ नायाब होती है.आज हम भले ही पश्चिमी सभ्‍यता के रंग और रीति-रिवाजों में रचते जा रहे हों लेकिन असल में विदेशी लोग खुद भारत के रंग को पसंद करते हैं और उसे अपनाते हैं. हम भारतीयों की कुछ ऐसी आदतें हैं जो विदेशियों को बहुत पसंद आती हैं और वो इन्‍हें अपनाते भी हैं. भारत की संस्‍कृति ही कुछ ऐसी है कि यहां पर रहने वाले लोग हाथ से खाना पसंद करते हैं. हमारे देश में भोजन हाथ से खाने पर ज्‍यादा स्‍वादिष्‍ट लगता है. विदेशियों को भारतीयों का हाथ से खाने का स्‍टाइल बहुत पसंद है. जब भी कोई विदेशी भारत आता है तो वो भी यहां की संस्‍कृति को अपना कर हाथ से खाना पसंद करता है. भारत के घरों में अधिकतर लोग जूते-चप्‍पल पहनकर नहीं जाते हैं. ये भी एक अच्‍छी आदत मानी जाती है. हम भारतीयों की ये आदत भी विदेशियों को बहुत पसंद है. इससे घर और वातावरण में साफ-सफाई बनी रहती है.

भारतीय घरों में चाय की चुस्‍की के बिना दिन की शुरुआत हो ही नहीं सकती है. भारत में चाय को एनर्जी ड्रिंक माना जाता है और हम लोगों की सुबह तो चाय के बिना हो ही नहीं सकती है. कई लोग चाय को कप और प्‍लेट के साथ परोसते हैं और आपने भी देखा होगा कि कुछ लोग प्‍लेट में चाय डालकर पीते हैं. ये आदत भी विदेशियों को अच्‍छी लगती हैं. अगर जुगाड़ की बात की जाए तो इस मामले में भारत को कोई कंपीटिशन नहीं दे सकता है. जुगाड़ के मामले में भारत पहले नंबर पर आता है. जुगाड़ के लिए भारत तो दुनियाभर में मशहूर है और कुछ विदेशियों को हर मुश्किल का हल निकालने के लिए हमारे जुगाड़ भी काफी पसंद आते हैं. हम सबने भी अपनी लाइफ में कोई ना कोई जुगाड़ अवश्य किया होगा. भारत एक ऐसी धरती है जिसके अभिवादन के तरीके बहुत अलग अलग हैं. 

समय बदल गया लेकिन भव्यता हमेशा से भारतीय शादियों का अभिन्न और अनिवार्य हिसा रही है. भारत में शादी आज भी एक ऐसी संस्था है जिसमें दो लोग नहीं दो परिवार एक होते हैं. इसलिए इसमें बहुत बड़ा उत्सव होता है. जिसमें खूब संगीत और नाच होता है. भारत में हर जाति और समुदाय में शादी की रस्मों का अपना तरीका होता है. हिंदू शादियों की जयमाल व फेरे तथा पूरी शादी के रीति रिवाज व रौनक विदेशियों के लिए कौतुहल का विषय हैं. ये तो बस कुछ चुनिंदा भारतीयों की आदतें हैं जिन्‍हें विदेशी लोग पसंद करते हैं क्‍योंकि भारत में तो ऐसा बहुत कुछ है जिसे दुनियाभर में बहुत पसंद किया जाता है. भारतीयों के कपड़े, खाना, आदतें, रहन-सहन, संस्‍कार यहां तक कि भारतीय भाषाएं हिंदी आदि सभी कुछ बाकी देशों को आकर्षित करते हैं. भारतीय संस्कृति और सभ्यता आज भी दुनिया में एक मजबूत स्थिति में है. सभी देशों के लोग भारतीय संस्कृति को अपनाने की कोशिश कर रहे हैं.    

इन सब गुणों के बावजूद भारत में अपनी ही संस्कृति को विखंडित और विलोपित करने की कवायदें आरंभ हो चुकी हैं, जिसका दुष्परिणाम स्भावरूप रत केवल एक ऐसा भूमि का टुकड़ा बच जाएगा जिसके सतही तल पर तो अधिकार हमारा होगा किन्तु मानसिक स्तर पर उस पर आधिपत्य पाश्चात्य के राष्ट्रों का होगा. इस विकराल समस्या को हमें भारत की सांस्कृतिक अखंडता पर मंडरा रहे खतरे के तौर पर स्वीकार करना चाहिए और उसके उपचार हेतु शीघ्रातिशीघ्र प्रयास प्रारंभ करना होगा. सांस्कृतिक अखंडता को बनाए रखने के लिए प्राथमिक तौर पर हर भारतवंशी में राष्ट्रप्रेम की जागृति लाना होगी. 'पहले राष्ट्र' की मूलभावना को रगो में दौड़ने के लिए भारतीय भाषाओं को संरक्षित करना परम आवश्यक है.भारतीय होने के नाते हमें अपने देश की संस्‍कृति और सभ्‍यता पर गर्व करना चाहिए. हमारा जन्‍म एक ऐसे देश में हुआ है जहां पर पुरुषों से लेकर महिलाओं तक की वीर गाथाएं प्रचलित हैं और भारत के महान और लोकप्रिय नागरिकों का अनुसरण पूरी दुनिया करती है.भारत की सफलता और संस्‍कृति पर हम सभी को गर्व है और हमेशा रहेगा.

( निशा नंदिनी असम के तिनसुकिया में रहती हैं, हिंदी लेखिका हैं और विदेश यात्राएं करती रहती हैं.)