नई दिल्लीः उत्तर प्रदेश के वरिष्ठ पत्रकार राघवेन्द्र दुबे ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पर एक किताब लिखी, नाम है जैसे सांस देश की’. इस किताब का विमोचन दिल्ली में हुआ। इस कार्यक्रम में कांग्रेस समर्थित पत्रकार, लेखकों, बुद्धिजीवियों, नेताओं का मजमा जमा. मुख्य अतिथि थे कांग्रेस नेता आनंद शर्मा. शर्मा ने कहा कि इस समय देश में एक बड़ा वैचारिक टकराव चल रहा है. प्रजातंत्र में अलग-अलग विचारों का सम्मान होता है. अगर एक ही विचारधारा हो तो वह लोकतंत्र नहीं रहता है. आजादी के संघर्ष के बाद आज़ाद भारत में हमने प्रजातंत्र को स्वीकार किया था. पर आज देश में वैचारिक मतभिन्नता पर प्रहार हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि शासन की शक्ति का दुरुपयोग करके देश के बुनियादी उसूलों को ही बदलने की कोशिश हो रही है. उनका कहना था कि हिन्दुत्व की सोच हमारी समावेशी संस्कृति की सोच से सीधा टकराती है.
लेखक पुरुषाेत्तम अग्रवाल ने कहा कि देश में पंडित जवाहरलाल नेहरू के विरुद्ध घृणा फैलाने का मूल कारण अज्ञानी विपक्ष की कुंठा है. पं. नेहरू ने सिखाया है कि संस्कृति में बद्ध होना मूर्ख होना नहीं है. उन्होंने राहुल गांधी की प्रशंसा करते हुए कहा कि राजनीति में विनम्रता, सज्जनता, स्पष्टता का होना अगर पप्पू होना है तो देश को लाख दो लाख पप्पुओं की जरूरत है.राष्ट्रवादी कांग्रेस के महासचिव डी पी त्रिपाठी ने कार्यक्रम का संचालन किया.